जिला सहकारी बैंकों में रिक्त पदों की भर्ती आईबीपीएस के माध्यम से की जायेगी – डॉ. धन सिंह रावत
इसके लिए रजिस्टार को-ओपरेटिव 18 जनवरी को फाइनल मीटिंग करेंगे
मुख्य विकास अधिकारियों को को-ओपरेटिव की योजनाओं को बढ़ाने के लिए बैंक अधिकारियों को सहयोग करने के निर्देश
देहरादून। सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज गुरुवार को यूकेसीडीपी निदेशालय में , सहकारिता विभाग, जिला सहकारी बैंकों, राज्य सहकारी बैंकों और शीर्ष संस्थानों में संवर्गवार स्वीकृत, कार्यरत और रिक्त पदों की व्यापक समीक्षा की। यह समीक्षा राज्य में सहकारी क्षेत्र के सुचारू और प्रभावी कामकाज को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने निर्देश दिए कि बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के पद के अलावा रिक्त 250 पदों पर आईबीपीएस के माध्यम से भर्ती कराई जाए। इसके लिए रजिस्टार को-ओपरेटिव सहकारी बैंकों के शीर्ष अधिकारियों व प्रशासक का काम देख रहे मुख्य विकास अधिकारियों के साथ 18 जनवरी को बैठक करेंगे। उसके बाद करीब 250 पदों पर परीक्षा कराने के लिए आईबीपीएस प्रस्ताव भेजा जाएगा।आईबीपीएस राष्ट्रीयकृत बैंकों के विभिन्न पदों भर्ती करता है।
मंत्री डॉ. रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि, 28 फरवरी तक 2 लाख सहकारी सदस्य बनाये जाएं। जिसमें 30 प्रतिशत महिला सदस्य अनिवार्य रूप से हो। रजिस्टार सहकारिता आलोक कुमार पांडेय ने बताया कि अभी तक 105,691 सहकारी सदस्य बनाए गए हैं, जिनमें से 30,731 महिलाएं हैं। मंत्री द्वारा निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में यह एक सकारात्मक कदम है।
इसके अलावा, सहकारिता मंत्री डॉ रावत ने एमपैक्स ओटीएस योजना की प्रगति पर भी समीक्षा की , जिसमें 46 करोड़ 28 लाख आवेदनों में से 21 करोड़ 74 लाख रुपये की वसूली और ब्याज में 12 करोड़ 37 लाख रुपये की छूट शामिल है। मंत्री डॉ. रावत ने 28 फरवरी की समय सीमा तक ओटीएस योजना में और प्रगति लाने की आवश्यकता पर बल दिया। यह सहकारी सदस्यों के सामने आने वाले वित्तीय मुद्दों को हल करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। गौरतलब है कि ऐतिहासिक रूप से न्याय पंचायत स्तर पर सहकारी समितियों से कुल 46 करोड़ रुपये लोगों ने कर्ज लिया था.ज्यादातर लोगों की मृत्यु हो गई थी। इस मुद्दे को हल करने के लिए, मंत्री डॉ. रावत ने एक फार्मूला प्रस्तावित किया जिसमें बकाएदारों के परिवार के सदस्यों द्वारा मूल राशि जमा की जाएगी, जिसके परिणामस्वरूप ब्याज की छूट होगी। इस नवीन दृष्टिकोण से 21 करोड़ रुपये मूल्य के धन की वसूली हुई है, जो अपने आप में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
बैठक के दौरान मंत्री ने सहकारी समितियों में प्रगति लाने और किसानों की आय दोगुनी करने की आवश्यकता पर जोर दिया। मुख्य विकास अधिकारियों को माधो सिंह भंडारी संयुक्त सहकारी खेती के लिए हर ब्लॉक से दो सौ नाली बंजर भूमि का प्रस्ताव सहकारिता विभाग को सौंपने का निर्देश दिए गए। यह बंजर भूमि में संयुक्त सहकारी खेती को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे अंततः किसानों की कृषि उत्पादकता और आय में सुधार होगा। सीडीओ को बैंकों के प्रशासक की जिम्मेदारी के बाद पहली समीक्षा बैठक में सहकारिता मंत्री डॉ रावत ने निर्देश दिया कि वह 15 दिन में एक बार ब्रांच मैनेजरो की समीक्षा बैठक करें।और समस्त सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों के खाते खुलवाये जाएं।उन्होंने कहा कि जिला सहकारी बैंक द्वारा हर सरकारी कर्मचारी को 35 लाख रुपए तक सीसीएल तुरंत दी जाती हैं। जिसका ब्याज सबसे कम है।
मंत्री डॉ रावत ने सचिव सहकारिता को कृषि विभाग से मिलेट्स मिशन योजना को और सफल बनाने के लिए मीटिंग करने के निर्देश दिए । उन्होंने कहा कि, इस साल 18000 कुंतल मिलेट्स की सहकारी समितियों के माध्यम से उत्तराखंड सहकारी संघ ने खरीद की है और किसानों को उनके घरों में ही उचित मूल्य दिया गया है। उन्होंने निर्देश दिए कि मिलेट्स की अधिक से अधिक खरीद की जाए। पिछले वर्ष की तुलना में यूसीएफ ने इस वर्ष 4 हज़ार कुन्तल मिलेट्स ज्यादा खरीद की है।
समीक्षा बैठक में सचिव सहकारिता डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि दीनदयाल उपाध्यक्ष किसान कल्याण योजना में ऋण बांटने में विलंब न किया जाए। साथ ही सहकारिता की तमाम योजनाओं का व्यापक अध्ययन कर इन्हें धरातल पर उतारने के लिए बैंक अधिकारियों का सहयोग करें।
बैठक में सचिव सहकारिता डॉ. वीवीआरसी पुरुषोत्तम , रजिस्टार कोऑपरेटिव आलोक कुमार पांडेय , अपर निबंधक ईरा उप्रेती, अपर निबंधक आनंद शुक्ल, राज्य सहकारी बैंक के एमडी नीरज बेलवाल , संयुक्त निबंधक एमपी त्रिपाठी उपनिबंधक रमिन्द्री मंद्रवाल, उप निबंधक मानसिंह सैनी, जिला सहायक निबंधक मुख्यालय राजेश चौहान सहित समीक्षा बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, और बैंक के महाप्रबंधक वर्चुअल रूप से जुड़े।