[ad_1]
नई दिल्ली. देश-विदेश की खबरों से भरे न्यूज18 हिंदी के पॉडकास्ट में आपका स्वागत है. स्वीकार करें मेरा नमस्कार. दोस्तो, सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनमी की रिपोर्ट बताती है कि अगस्त महीने में बेरोजगारी दर बढ़ी है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला कि टिप्पणी है कि सांसदों को अपने विचार रखते समय संसद की गरिमा बनाए रखनी चाहिए. मध्य प्रदेश में सरकारी भर्तियों और परीक्षाओं में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण लागू हो गया है. इन खबरों के अलावा आज के पॉडकास्ट में आपको बताएंगे कि अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद आज कैसी सरकार बनाने जा रहा है तालीबान. दिल्ली दंगों के तीन आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में आरोपमुक्त करते हुए कड़कड़डुमा कोर्ट ने पुलिस जांच पर कैसी तल्ख टिप्पणी की है, यह भी होगा आज के पॉडकास्ट में. इनके अलावा बिहार, झारखंड और उत्तराखंड की खबरें भी सुन सकेंगे आप. फिलहाल आज की पहली खबर.
देश में बेरोजगारी को लेकर सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनमी यानी CMIE ने एक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के मुताबिक, देश में बेरोजगारी दर अगस्त में एक बार फिर से बढ़ गई है. अगस्त महीने में औपचारिक और अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों के करीब 15 लाख से अधिक लोग बेरोजगार हो गए हैं. CMIE के आंकड़े बताते हैं कि जुलाई में कार्यरत लोगों की संख्या 399.38 मिलियन से घटकर अगस्त में 397.78 मिलियन पर पहुंच गई. इस एक महीने में केवल ग्रामीण भारत में करीब 13 लाख लोगों की नौकरियां चली गई. CMIE के मुताबिक, देश में अगस्त महीने में बेरोजगारी दर 8.32 फीसदी रही, जबकि जुलाई में बेरोजगारी दर 6.95 फीसदी थी. अगस्त में शहरी बेरोजगारी दर लगभग 1.5 फीसदी बढ़कर 9.78 फीसदी हो गई. जुलाई में देश में शहरी बेरोजगारी दर 8.3 फीसदी थी. इसी तरह देश में ग्रामीण बेरोजगारी दर अगस्त में 1.3 फीसदी बढ़कर 7.64 फीसदी हो गई. जुलाई में यह 6.34 फीसदी थी. सीएमआईई का आंकड़ा दिखाता है कि जुलाई में जहां लगभग 3 करोड़ लोग रोजगार की तलाश में थे तो वहीं अगस्त में 3.6 करोड़ लोग काम खोजते नजर आए.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने श्रीनगर में कहा है कि सांसदों को अपने विचार रखते समय संसद की गरिमा बनाए रखनी चाहिए. सदनों के पीठासीन अधिकारी नहीं चाहते हैं कि वे हेडमास्टर की तरह व्यवहार करें और सदस्यों को उनके कदाचार के लिए दंडित करें. बिड़ला ने हाल ही में संपन्न मॉनसून सत्र के दौरान नियमित रूप से हुए व्यवधानों पर चिंता जताई और कहा कि सभी दलों को एक साथ बैठना चाहिए और एक आचार संहिता तैयार करनी चाहिए ताकि सांसदों को आसन के समीप आने और तख्तियां दिखाने से रोका जा सके. उन्होंने कहा, ‘संसद से उम्मीद की जाती है कि वह देश के सभी लोकतांत्रिक संस्थानों के लिए मार्गदर्शक के रूप में कार्य करे. व्यवधान और अशोभनीय दृश्य लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं हैं. हम सबको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संसद की गरिमा न सिर्फ बरकरार रहे बल्कि आगे भी बढ़े.’ संसद की गरिमा और मर्यादा को पवित्र बताते हुए लोकसभा अध्यक्ष बिड़ला ने कहा, ‘हम आजादी के 75वें वर्ष का जश्न मना रहे हैं और यह उचित समय है जब राजनीतिक दल एक साथ बैठें और सांसदों के लिए संसद में उनके शोभनीय व्यवहार के लिए मानक निर्धारित करें.’
मध्य प्रदेश में सिर्फ तीन मौकों को छोड़कर बाकी सभी सरकारी भर्तियों और परीक्षाओं में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण लागू हो गया है. सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में सभी सरकारी विभागों के लिए आदेश जारी कर दिया है. अब सिर्फ पीजी नीट परीक्षा 2019- 2020, पीएसी मेडिकल अधिकारी क्लास 2 की भर्ती 2020 और शिक्षक भर्ती 2018 में 27 फीसदी आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा क्योंकि इन पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई है. मध्य प्रदेश में बढ़े हुए 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण का रास्ता उन सभी भर्तियों और परीक्षाओं पर साफ हो गया है जिन पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने रोक नहीं लगाई है. इस आशय का एक पत्र गुरुवार को मध्य प्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को जारी कर दिया है.
अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान अब सरकार बनाने के लिए तैयार है. शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद ही तालिबान काबुल में ईरान की तर्ज पर नई सरकार के निर्माण की घोषणा करेगा. सबसे बड़े धार्मिक नेता मुल्ला हेबतुल्ला अखुंदजादा को देश का सर्वोच्च नेता बनाया जाएगा. वहीं, तालिबान ने गवर्नर्स और मेयर्स की नियुक्ति पहले ही कर ली है. कैबिनेट मंत्रियों के नाम भी फाइनल कर लिए गए हैं. तालिबानी नेता समांगनी ने कहा कि नई सरकार के तहत, गवर्नर प्रांतों के प्रमुख होंगे और जिला गवर्नर अपने जिले के प्रभारी होंगे. ईरान में नेतृत्व की तर्ज पर यह व्यवस्था की जाएगी जहां सर्वोच्च नेता देश का सबसे बड़ा राजनीतिक और धार्मिक प्राधिकारी होता है. उसका पद राष्ट्रपति से ऊपर होता है और वह सेना, सरकार और न्याय व्यवस्था के प्रमुखों की नियुक्ति करता है. देश के राजनीतिक, धार्मिक और सैन्य मामलों में सर्वोच्च नेता का निर्णय अंतिम होता है. तालिबान इसी मॉडल पर सरकार बना रहा है.
ये खबरें आप न्यूज 18 हिंदी के पॉडकास्ट में सुन रहे हैं. इन्हें विस्तार से पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट हिंदी डॉट न्यूज18 डॉटकॉम पर जाएं.
दिल्ली दंगे के दौरान दयालपुर इलाके में खोखा व दुकान जलाने के दो मामलों में कड़कड़डूमा कोर्ट ने तीन आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में आरोपमुक्त कर दिया. इनमें से एक आरोपी दंगे का मुख्य आरोपी और आप के पार्षद रहे ताहिर हुसैन का भाई है. कोर्ट ने आदेश में कहा कि जब विभाजन के बाद के दिल्ली के सबसे भीषण सांप्रदायिक दंगे को इतिहास देखेगा तो नवीनतम वैज्ञानिक तकनीकों के बावजूद उचित जांच करने में पुलिस की नाकामी निश्चित रूप से लोकतंत्र के प्रहरी को पीड़ा देगी. कड़कड़डुमा कोर्ट के जज विनोद यादव के सामने बचाव पक्ष के वकील दिनेश तिवारी ने कहा कि उनके मुवक्किलों के पास से कोई हथियार नहीं मिला है, न ही उनकी उपस्थिति दर्शाता वीडियो फुटेज अब तक पेश किया गया. साथ ही कहा कि इन मामलों में केवल एक-एक गवाह हैं, वे भी पुलिसवाले. कोई सार्वजनिक गवाह नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस कॉन्स्टेबलों ने झूठी गवाही दी है, वे घटनास्थल पर नहीं थे. वे मौके पर होते तो पुलिस कंट्रोल रूम को कॉल कर सूचना देते. लेकिन इसका कोई रिकॉर्ड पुलिस के पास नहीं है.
जेपी विश्वविद्यालय छपरा ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, एमएन रॉय और लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के विचारों को सिलेबस से बाहर किए जाने का फैसला किया था. इस पर काफी तीखी प्रतिक्रिया होने के बाद मचे राजनीतिक घमसान के बीच शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी को खुद मीडिया के सामने आना पड़ा और सफाई देनी पड़ी. शिक्षा मंत्री ने विश्वविद्यालय के इस फैसले के अनुचित बताया और घोषणा की कि जेपी यूनिवर्सिटी छपरा में अब पीजी सिलेबस में राजनीति विज्ञान से जेपी और लोहिया के विचार नहीं हटाए जाएंगे. शिक्षा मंत्री ने साफ कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन सरकार के सीधे अधीन नहीं है, लेकिन सरकार सारी वित्तीय बोझ वहन करती है, इसीलिए किसी न किसी रूप में भूमिका रखनी होती है. विजय चौधरी ने कहा कि मामला प्रकाश में आते ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने न सिर्फ वीसी, रजिस्ट्रार से बात की बल्कि मामले की जांच भी शुरू कर दी. विश्विद्यालय के स्तर से जो जवाब मिला उससे सरकार संतुष्ट नहीं है. जांच में जो बातें सामने आई हैं उसके मुताबिक वर्ष 2018 में ही नई शिक्षा नीति लागू करने के क्रम में पाठ्यक्रम संशोधन को लेकर एक कमिटी बनी थी और कमिटी ने ही अनुशंसा की थी. इसके आधार पर ये कार्यवाही हुई.
उत्तराखंड के भवन एवं सन्निर्माण कल्याण बोर्ड में भ्रष्टाचार के मामले पर हाईकोर्ट सख्त है. हाईकोर्ट के खंडपीठ ने पूरे मामले को लेकर सरकार को आदेश दिया है कि जांच की स्टेट्स रिपोर्ट 24 घंटों के भीतर कोर्ट में पेश करें. कोर्ट ने पूछा है कि क्या जांच पूरी हुई है? अगर पूरी हो गई तो क्या कार्रवाई की गई है? शुक्रवार को हाईकोर्ट फिर मामले पर सुनवाई करेगा. इस याचिका की सुनवाई के दौरान चेयरमैन शमशेर सिंह सत्या ने हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल कर कहा है कि उनको इस मामले में पक्षकार बनाया जाए, क्योंकि इस विभाग में करोड़ों के घोटाले हुए हैं जिसकी जानकारी उनको है. सत्याल ने कोर्ट को बताया है कि श्रम विभाग में करोड़ों के घोटाले हैं जिसमें कई बार पैसा जारी हुआ है लेकिन कोई काम हुआ ही नहीं है. सत्याल ने कहा है कि ईएसटी हॉस्पिटल बनाने के लिए बिना सरकार व कैबिनेट की मंजूरी के ब्रिज एंड रूफ इंडिया लिमिटेड कंपनी को 50 करोड़ का ठेका दे दिया और कंपनी को 20 करोड़ रुपया का अग्रिम भुगतान भी कर दिया, जबकि हकीकत यह है कि अभी तक हॉस्पिटल बनाने के लिए जमीन का चयन तक नही किया गया. न ही सरकार की कोई अनुमति ली गई. बिना सरकार की अनुमति लिए 20 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान नहीं किया जा सकता है. सरकार ने 9 दिसंबर 2020 को इसकी जांच के लिए एक कमेटी गठित की थी.
झारखंड के एचईसी में नौ घंटे बाद बिजली आपूर्ति बहाल हो सकी. वह भी तब जब हैवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन ने एक अरब रुपये से ज्यादा का बकाया बिजली बिल चुकाए जाने का भरोसा दिलाया. बकाया बिजली बिल भुगतान नहीं करने पर मंगलवार दोपहर करीब 2 बजे एचईसी की बिजली काट दी गई थी. लेकिन देर शाम उद्योग ने भरोसा दिलाया और तब जाकर रात करीब 11 बजे मदर इंडस्ट्री की बिजली बहाल कर दी गई. बिजली आपूर्ति बहाल होने के बाद सुबह ड्यूटी पर पहुंचे कर्मचारी राजेश प्रसाद सिंह ने बताया कि एचईसी की बिजली कट जाना ऐतिहासिक घटना थी. जो नहीं होनी चाहिए थी. उन्होंने इसके लिए सीधे जेबीवीएनएल को दोषी ठहराया. उन्होंने बताया कि नौकरी के 30 सालों से ज्यादा अनुभव के दौरान उन्होंने ऐसा दूसरी बार देखा कि एचईसी की बिजली कटी हो. हालांकि मंगलवार को बिजली काटे जाने के बाद ही एचईसी प्रबंधन ने केंद्र सरकार को इसकी जानकारी दे दी थी.
ये खबरें आप न्यूज 18 हिंदी के पॉडकास्ट में सुन रहे थे. इन्हें विस्तार से पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट हिंदी डॉट न्यूज18 डॉटकॉम पर जाएं. न्यूज 18 हिंदी के पॉडकास्ट में आज इतना ही. नई खबरों और नए अपडेट के साथ हम फिर मिलेंगे. तबतक के लिए दें विदा. नमस्कार.
[ad_2]
Source link