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नयी दिल्ली. भारत (India) और फिलीपीन (Philippines) की नौसेना (Navy) ने सोमवार को पश्चिमी फिलीपीन सागर में युद्धाभ्यास किया जो अहम जलमार्ग में उनके बढ़ते सामरिक सहयोग को प्रतिबिंबित करता है. अधिकारियों ने बताया कि भारतीय नौसेना की ओर से निर्देशित मिसाइल विध्वंसक आईएनएस रणविजय और निर्देशित मिसाइल पोत आईएनएस कोरा ने हिस्सा लिया जबकि फिलीपीन नौसेना का प्रतिनिधित्व उसके फ्रीगेट बीआरपी एंतोनियो लुना ने किया.
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने बताया, ‘‘ भारतीय नौसेना के दो पोत, आईएनएस रणविजय और आईएनएस कोरा पश्चिम प्रशांत सागर की तैनाती पर हैं और फिलीपीन की नौसेना के पोत बीआरपी एंतोनियो लुना के साथ सोमवार को पश्चिम फिलीपीन सागर में युद्धाभ्यास किया.’’
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उन्होंने बताया, ‘‘ संयुक्त रूप से किए गए युद्धाभ्यास में कई सामरिक रणनीतियों का अभ्यास किया गया और इसमें शामिल दोनों नौसेनाओं के पोत समुद्र में चले अभियान से प्राप्त पारस्परिकता से संतुष्ट हैं.’’ गौरतलब है कि नौसेना के पोत साझेदार देशों के साथ समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से पश्चिमी प्रशांत सागर में तैनात हैं.
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भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक जहाज ‘विक्रांत’ (Vikrant) का समुद्र में परीक्षण शुरू हो गया. यह देश में निर्मित सबसे बड़ा और ताकतवर युद्धपोत है. भारतीय नौसेना ने इसे देश के लिए ‘गौरवान्वित करने वाला और ऐतिहासिक’ दिन बताया और कहा कि भारत उन चुनिंदा देशों में शुमार हो गया है जिनके पास विशिष्ट क्षमता वाला स्वदेशी रूप से डिजाइन किया, निर्मित और एकीकृत अत्याधुनिक विमानवाहक पोत है. इसे ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता के रूप में भी देखा जा रहा है. दुनिया को भारत यह संदेश में सक्षम हुआ कि वो एक विशालकाय और आधुनिकतम युद्धपोत तैयार करने की भी क्षमता रखता है. समुद्र में सामर्थ्य की दृष्टि से ये कदम भारत को दुनिया के शक्तिशाली देशों की सूची में खड़ा करता है. लेकिन सिर्फ विक्रांत ही नहीं बल्कि बीते समय में भारत ने लगातार समुद्र में अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर बीजिंग को संदेश देने की कोशिश की है.
युद्धाभ्यास के लिए चार पोतों की टास्क फोर्स
भारत ने दक्षिण चीन सागर में अमेरिका और दूसरे सहयोगियों के साथ युद्धाभ्यास के लिए भी चार युद्धपोतों की एक टास्क फोर्स भेजी है. ये टास्क फोर्स अगले दो महीने तक दक्षिण चीन सागर और अन्य समुद्री क्षेत्रों में रहेगी. इस दौरान अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम और फिलिपिन्स जैसे देशों के साथ अभ्यास भी करेगी. ये युद्धाभ्यास बेहद आधुनिक तकनीकों पर आधारित होंगे. दक्षिण चीन सागर में बीते सालों में चीन लगातार अपनी दादागीरी दिखाने की कोशिश करता रहा है जिसका भारत ने हमेशा जोरदार विरोध किया है. इससे पहले भारत ने क्वाड देशों के साथ समुद्र और हवा में युद्धाभ्यास कर अपनी शक्तियों का प्रदर्शन किया है.
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