[ad_1]
नयी दिल्ली. सरकार ने कहा कि भारत में कोविड-19 के डेल्टा प्लस स्वरूप के करीब 300 मामले मिले हैं और टीका (anti-Corona vaccine) इस स्वरूप के खिलाफ प्रभावी पाया गया है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने प्रेस ब्रीफिंग में एक सवाल के जवाब में कहा कि डेल्टा प्लस स्वरूप के खिलाफ टीके की प्रभावशीलता की जांच की गयी है. उन्होंने कहा कि डेल्टा प्लस स्वरूप के सामने आने के कुछ महीने हो गए हैं. पहले 60-70 मामले मिले थे, अब डेल्टा प्लस के करीब 300 मामले हैं.
उन्होंने कहा कि डेल्टा प्लस के खिलाफ भी टीके को प्रभावी पाया गया है. कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस स्वरूप की पहचान 11 जून को की गयी थी और इसे चिंता पैदा करने वाली श्रेणी में शामिल किया गया था. कोरोना वायरस (Coronavirus) हमारी दुनिया के दो साल और लाखों जिंदगियां ले चुका है. लेकिन अभी भी इसने खुद को रोका नहीं है और जितना हम इससे बचाव की कोशिश कर रहे हैं ये उतना ही नए रूप बदल कर हमारे सामने खड़ा हो जाता है.
ये भी पढ़ें : हाईकोर्ट ने पांच IAS अधिकारियों को अवमानना का ठहराया दोषी, सुनाई जेल की सजा, जानें पूरा मामला
ये भी पढ़ें : तीसरी लहर के खतरे के बीच आई कोरोना की हैरान करने वाली रिपोर्ट, इस राज्य में बच्चे तेजी से हो रहे हैं संक्रमित
कोविड -19 का डेल्टा प्लस वेरिएंट है क्या?
डेल्टा वेरिएंट यानी B.1.617.2 पहली बार भारत में पाया गया था और दूसरी लहर की तबाही का सबब बना था. तब से ये अब तक AY.1 और AY.2. में म्यूटेंट हो चुका है. इन्ही के उपवंश डेल्टा प्लस और डेल्टा वेरिएंट कहलाते हैं. जिन्होंने अपने अंदर अतिरिक्त म्यूटेशन विकसित कर लिया है. डॉ सुजित सिंह, चीफ ऑफ द नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल का कहना है सार्स को वी 2 के उपवंश B.1.617.2 में हो रहे सतत विकास को समझने की ज़रूरत है. स्पाइक प्रोटीन में डेल्टा के K417N म्यूटेशन हासिल करने से डेल्टा प्लस का निर्माण हुआ, K417N म्यूटेशन AY.1 ओर AY.2 दोनों में पहुंचा, यही नहीं ये बीटा वेरिएंट या B.1.351 में भी पाया गया, जिसे सबसे पहली बार दक्षिण अफ्रीका में देखा गया था. और डब्ल्यूएचओ ने इसे लेकर चिंता भी जाहिर की थी.
क्या डेल्टा प्लस वेरिएंट चिंता की बात है
डब्ल्यूएचओ ने डेल्टा वेरिएंट को चिंता का विषय माना है, वहीं भारत सरकार ने भी डेल्टा प्लस (AY.1) को देश के लिए चिंता की विषय करार दिया है. फिलहाल तो भारत में डेल्टा प्लस की प्रबलता कम देखने को मिली है. वैज्ञानिक इस बात को लेकर सजग हैं कि क्या कुछ म्यूटेशन वायरस को ज्यादा संक्रामक, ज्यादा घातक या दोनों ही तरह का बना देता है. AY.1 और AY.2 दोनों ही डेल्टा वंश से हैं. तो इनमें डेल्टा वेरिएंट के कुछ लक्षण साझा हो सकते हैं. जैसे संक्रामकता. साथ ही K417N म्यूटेशन बीटा वेरिएंट में भी पाया गया है. जिसमें इम्यून से बच निकलने और एंटीबॉडी को छकाने की फितरत पाई गई है.
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.
[ad_2]
Source link