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सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव इंदेवर पांडे ने कहा कि आवेदन जमा करने, योजना के तहत सहायता प्राप्त करने के लिए पात्र बच्चों की पहचान के वास्ते एक वेब पोर्टल की शुरूआत की गई है.
15 दिन में काम पूरा करने का दिया टारगेट
उन्होंने 22 जुलाई को जारी पत्र में कहा, ‘‘मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि आप अपने राज्य के जिलाधिकारियों को पीएम केयर्स योजना के तहत सहायता प्राप्त करने के लिए पात्र बच्चों की पहचान करने और पात्र बच्चों के विवरण देने का निर्देश दें, ताकि उन्हें तत्काल सहायता मिल सके. यह कार्य अगले 15 दिनों में पूरा किया जा सकता है.’’
मंत्रालय ने इसके लिए एक ‘हेल्प डेस्क’ की स्थापना की है. मंत्रालय के अधिकारी ने जिलाधिकारियों को पुलिस, जिला बाल संरक्षण इकाई (डीसीपीयू), चाइल्डलाइन और नागरिक समाज संगठनों की सहायता से इन बच्चों की पहचान के लिए एक अभियान चलाने के लिए कहा.
इस नंबर पर फोन करके पा सकते हैं सहायता
उन्होंने कहा कि जिन बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों को कोविड की वजह से खो दिया है और योजना के तहत सहायता की आवश्यकता है, उन्हें चाइल्डलाइन (1098), डीसीपीयू या किसी अन्य एजेंसी या व्यक्ति द्वारा बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष पेश किया जा सकता है. इस योजना के तहत सहायता प्राप्त करने के लिए आवेदन पत्र सीडब्ल्यूसी के समक्ष बच्चों या उनकी देखभाल करने वाले या किसी अन्य एजेंसी द्वारा भरा जा सकता है. उन्होंने कहा कि सीडब्ल्यूसी माता-पिता की मृत्यु के कारणों की पुष्टि उनके मृत्यु प्रमाण पत्र या जांच के जरिए करेगी.
गौरतलब है कि सरकार ने 22 जुलाई को संसद में कहा था कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान इस साल अप्रैल से 28 मई तक कुल 645 बच्चों ने अपने माता-पिता को कोविड-19 की वजह से खो दिया.
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