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हरिद्वार में भिक्षावृत्ति में लिप्त भिक्षुकों को जेल या भिक्षुक ग्रह भेजने के स्थान पर न सिर्फ पुलिस थानों में रोजगार के अवसर दिए गए बल्कि स्वाभिमान और गर्व के साथ जीने का अवसर दिया गया.
Uttarakhand News: कुम्भ मेला पुलिस की मुहिम ने एक नई मुहिम शुरू की है, जिसने कई भिखारियों की दुनिया बदल दी है. कइयों को अपने घर भेज दिया और कइयों को 10 हजार रुपये की नौकरी दिलाई है.
इस अभियान के तहत हरिद्वार में भिक्षावृत्ति में लिप्त भिक्षुकों को जेल या भिक्षुक ग्रह भेजने के स्थान पर न सिर्फ पुलिस थानों में रोजगार के अवसर दिए गए बल्कि स्वाभिमान और गर्व के साथ जीने का अवसर दिया गया. सर्वप्रथम सभी भिक्षुकों को भिक्षावर्ति से हटा कर सुविधाजनक आवास की व्यवस्था कुम्भ पुलिस ने की. शहर के बेस्ट सैलून से एक्सपर्ट द्वारा स्नान, हेयरकट हुलिया ही नहीं उनका मेडिकल टेस्ट और कोविड टेस्ट भी किया गया. इलाज के उपरांत कुछ इच्छुक भिक्षुकों उनके घर पहुंचाया गया. वेरिफिकेशन के उपरांत सभी भिक्षुकों के आधार कार्ड बनवाकर इनके बैंक खाते खुलवाए कर लगभग 10 हजार मासिक वेतन 16 भिखारियों को अपने-अपने खातों पर प्राप्त हो चुका है तथा 8 और नए भिक्षुकों को पुलिस थानों के मेस में कार्य दिया जा रहा है. कुल 24 पूर्व भिक्षुक अब पुलिस के साथ कुम्भ मेला व्यवस्था में जुड़ गए है.
कुछ भिक्षुकों ने अपनी पहली कमाई का कुछ अंश अपने घर भी भेजा गया है, तो कुछ ने कुछ दान तक दिया है. पहला वेतन मिलने के बाद आईजी कुम्भ मेला संजय गुंज्याल महोदय जिनके द्वारा यह इनिशिएटिव लिया गया. उन्होंने द्वारा इन भिक्षुक को कुम्भ खत्म होने के बाद अलग-अलग इंडस्ट्रीज और होटल में उनकी योग्यता अनुसार कुम्भ मेला के उपरांत भी काम देने का प्रबंध किया गया है.
संजय गुंज्याल आईजी कुम्भ द्वारा एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि इस अभियान ने हमारी मानव संवेदनाओं को जागृत कर पुलिस को सजा दिलाने के स्थान पर सुधार पर जोर दिया है. कार्यक्रम के अंत मे आईजी कुम्भ के द्वारा सभी भिक्षुक कार्मिकों को सैलरी के उपरांत नए वस्त्र, जूते और एक कम्बल देकर सम्मानित किया गया.आज जिसने भी अभियान के बारे में जाना वो मुरीद है. आज कुम्भ मेला पुलिस के इस मार्मिक हृदयस्पर्शी पहल का, उसकी हृदयस्पर्शी सोच का. ऐसे अभियान जो परस्पर सम्मान के पथ से आते हैं और स्वाभिमान की राह दिखाते है.
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