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शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कुंभ को लेकर जारी गाइडलाइन पर नाराजगी जाहिर की है.
हरिद्वार महाकुंभ (Haridwar Mahakumbh 2021) के लिए जारी कोविड गाइडलाइन से शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद खुलकर अपनी नाराजगी जताई है.
- Last Updated:
April 2, 2021, 6:07 PM IST
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने न्यूज18 से बात करते हुए कोरोना के लिए जारी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि “जब बिना रोक-टोक और कोरोना रिपोर्ट के चुनावी सभाएं हो सकती हैं तो फिर बारह वर्षों में होने वाला कुंभ क्यों नहीं?” स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने दो टूक कहा कि सरकार कॉविड टेस्ट रिपोर्ट लाने संबंधी जबरदस्ती के नियम क्यों बना रही है. जिससे श्रद्धालु बेवजह परेशान हो रहे हैं और बॉर्डर पर उन्हें रोका जा रहा है. बॉर्डर पर हो रही परेशानी के कारण महाकुंभ का संदेश श्रद्धालुओं में अच्छा नहीं जा रहा.
बार-बार निर्णय बदल रही है सरकार: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के मुताबिक, सरकार का महाकुंभ को लेकर ढुलमुल रवैया कुंभ पर भारी पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि कभी सरकार कहती है कि महाकुंभ भव्य तरह से नहीं होगा. कभी सरकार कहती है कि साधु संत ज्यादा जमावड़ा न लगाएं. कभी सरकार कहती है कि कुंभ खुलकर होगा. और अब सरकार ने 72 घंटे की कोरोनावायरस जांच रिपोर्ट के साथ कुंभ क्षेत्र में आने के लिए श्रद्धालुओं को कह रही है. ऐसे में सरकार की इतनी सारी बातें श्रद्धालुओं को भ्रम में डाल रही हैं. और श्रद्धालु महाकुंभ में आने से हिचक रहे हैं.चुनाव रैलियों में लाखों की भीड़ हो रही, लेकिन कहां है कोरोना रिपोर्ट
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सवाल उठाया कि बिहार, बंगाल, असम और केरल चुनाव में चुनावी रैलियों के दौरान लाखों की भीड़ जमा हो रही है. इस भीड़ में से कितने लोगों के पास कोरोना टेस्ट रिपोर्ट? ऐसा कैसे हो सकता है कि केवल महाकुंभ में ही लोगों के आने से कोरोनावायरस फैल रहा हो. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि सरकार को पूरे देश के लिए एक गाइडलाइन रखनी चाहिए.
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